Sunday, 13 December 2015

Koshish karne walon ki kabhi har nahin hoti (कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती) – हरिवंश राय बच्चन


नन्ही चींटी जब दाना लेकर चलती है।
चढ़ती दीवारों पर सौ बार फिसलती है॥
मन में विश्वास, रंगों में साहस भरता है।
चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना न अखरता है॥
आखिर उनकी मेहनत बेकार नहीं होती है।
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती है॥

डुबकियाँ सिंधु में गोताखोर लगाता है।
जा जाकर खाली हाथ लौट आता है॥
मिलते न सहज ही मोती गहरे पानी में।
बढ़ता दूना उत्साह इसी हैरानी में॥
मुट्ठी उसकी खाली हर बार नहीं होती।
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती है॥

असफलता एक चुनौती है, स्वीकार करो।
क्या कमी रह गयी है, देखो और सुधार करो॥
जब तक न सफल हो नींद चैन को तुम त्याग दो।
संघर्षो का मैदान छोड़ न भागो तुम॥
कुछ किये बिना ही जय-जयकार नहीं होती।
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती है॥

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