Sunday 21 April 2019

Home Vastu Tips (गृह वास्तु टिप्स)


हम जिस स्थान पर रहते है, उसे वास्तु कहते है। इसलिए जिस जगह रहते है, उस मकान में कौन-सा दोष है, जिसके कारण हम दुख-तकलीफ उठाते है, इसे स्वयं नहीं जान सकते। हमें यह भी पता नहीं रहता कि उस घर में नकारात्मक ऊर्जा है या सकारात्मक।
  • बेडरूम - बेडरूम में टेबल गोल होना चाहिए। बीम के नीचे व कालम के सामने नहीं सोना चाहिए। बच्चो के बेडरूम में काँच नहीं लगाना चाहिए। मिट्टी और धातु के वस्तुए अधिक होना चाहिए। ट्यूबलाइट की जगह लैम्प होना चाहिए।

  • नैऋत्य कोण - यदि मकान बेच नहीं पा रहे है, साथ ही बीमारियाँ घर से जाने का नाम नहीं ले रही है तो इसके लिए नैऋत्य कोण में समस्या होती है। या तो घर में इस दिशा का भाग नीचा होता है या फिर वहाँ गड्डा होता है। पश्चिम और दक्षिण दिशा के मिलने वाले स्थान को नैऋत्य कोण कहते है। 

  • ब्रम्हा स्थान - आपके बने बनाए कार्य रुक जाते है घर विनाश की और लगातार बढ़ रहा है तो ऐसे में वास्तु के हिसाब से घाट के ब्रम्हा स्थान में गंभीर दोष है। घर के मध्य में भारी सामान, सीडियाँ, शौचालय आदि होने पर इस तरह की परेशानियाँ का सामना करना पड़ता है। इस स्थान को तुरंत सही करें, जिससे आपकी सभी समस्याओं का अंत हो।

  • मकान का मध्य भाग - घर मैं बच्चे की किलकारी ना गुँजना, वास्तु दोष की निशानी हो सकती है। ऐसा तभी होता है, जब आपके मकान का मध्य भाग सही ना हो या वो उठा हुआ हो। घर के इस भाग को सही कराएं, जिससे आपकी समस्या का अंत हो। साथ ही घर में कभी भी कीकर का वृक्ष ना लगाएँ।

  • वायव्य कोण - कर्ज से आपको मुक्ति नहीं मिल रही है तो इसके लिए आपका वायव्य कोण में दोष हो सकता है। साथ ही इस स्थान में दोष होने से पड़ोसियों, मित्रों और सम्बन्धियो से बुरे सम्बन्धों का कारण बनता है। उत्तर और पश्चिम दिशा के मिलन का स्थान वायव्य कोण कहलाता है। 

  • ईशान कोण - ईशान कोण में पुजा स्थान बनाना चाहिए या फिर इस स्थान पर जल रखना चाहिए। पूर्व दिशा में बाथरूम शुब रहता है। ईशान अर्थात ई-ईश्वर, शान-स्थान। इस स्थान पर भगवान का मंदिर होना चाहिए एवं इस कोण में जल भी होना चाहिए। यदि आपके घर में ईश्वरीय कृपा नहीं हो रही है, हर वक्त किसी ना किसी का स्वस्थ्य खराब रहता है या फिर धन की बरकत नहीं हो रही है तो इसके लिए ईशान कोण में दोष हो सकता है। पूर्व और उत्तर दिशाएँ जहां पर मिलती है इस स्थान को ईशान कोण की संज्ञा दी गई है। इस दिशा को आप सही करवाएँ। यदि इस दिशा में रसोई घर हो या गैस की टंकी रखी हो तो वास्तुदोष होगा।

  • घर का मुख्य द्वार - क्या आपकी आर्थिक स्थिति लगातार खराब बनी हुई है और साथ कई परेशानियाँ आपकी चिंता का कारण बही हुई है? वास्तु के अनुसार, इसका मुख्य कारण नैऋत्य कोण में घर का मुख्य द्वार होना है। इसके लिए आपको मुख्य द्वार सही करवाना होगा। पश्चिम और दक्षिण दिशा के मिलने वाले स्थान को नैऋत्य कोण कहते है। इस दिशा पर निरुती या पूतना का आधिपत्य है। ज्योतिष के अनुसार राहू और केतू इस दिशा के स्वामी है।

  • अग्नि कोण - पूर्व और दक्षिण दिशाएँ जहां पर मिलती है इस स्थान को अग्नि कोण कहा जाता है। खाना बनाने वाला स्थान सदैव अग्निकोण में होना चाहिए। इस कोण में भूलकर भी बाथरूम, शौचालय अथवा पानी का टेंक नहीं होना चाहिए। भोजन करते वक्त दक्षिण में मुह करके नहीं बैठना चाहिए।

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